Achyutam Keshavam (अच्युतम केशवं ) Hindi Lyrics


अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || -2

कौन कहता है भगवान आते नहीं, तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं |
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

कौन कहता है भगवान खाते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलते नहीं |
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

कौन कहता है भगवान सोते नहीं, माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं |
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

कौन कहता है भगवान नाचते नहीं, तुम गोपी के जैसे नचाते नहीं |
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

कौन कहता है भगवान नचाते नहीं, गोपियों की तरह तुम नाचते नहीं |
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

13 Comments

  1. shruti
    Posted December 11, 2011 at 6:29 pm | Permalink | Reply

    please apni galtiyan sudharein

  2. Tripty Singh
    Posted January 24, 2012 at 9:22 am | Permalink | Reply

    अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम्|
    श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकीनायकं रामचन्द्रं भजे||१||

    अच्युतं केशवं सत्यभामाधवं माधवं श्रीधरं राधिकाराधितम्|
    इन्दिरामन्दिरं चेतसा सुन्दरं देवकीनन्दनं नन्दजं सन्दधे||२||

    विष्णवे जिष्णवे शङ्खिने चक्रिणे रुक्मिणीरागीणे जानकीजानये|
    वल्लवीवल्लाभायार्चितायात्मने कंसविध्वंसिने वंशिने ते नमः ||३||

    कृष्ण गोविन्द हे राम नारायण श्रीपते वासुदेवाजित श्रीनिधे|
    अच्युतानन्त हे माधवाधोक्षज द्वारकानायक द्रौपदीरक्षक||४||

    राक्षसक्षोभितः सीतया शोभितो दण्डकारण्यभूपुण्यताकारणः |
    लक्ष्मणेनान्वितो वानरै: सेवितो-sगस्त्यसम्पुजितो राघवः पातु माम् ||५||

    धेनुकारिष्टकानिष्टकृद्द्वेषिहा केशिहा कंसहृद्वंशिकावादकः |
    पूतनाकोपकः सूरजाखेलनो बालगोपालकः पातु मां सर्वदा||६||

    विद्युदुद्योतवत्प्रस्फुरद्वासस¬ं प्रावृडम्भोदवत्प्रोल्लस्द्विग्¬रहम्|
    वन्यया मालया शोभितोर:स्थलं लोहिताङघ्रिद्वयं वारिजाक्षं भजे||७||

    कुञ्चितै: कुन्तलैभ्रार्जमानाननं रत्नमौलिं लसत्कुण्डलं गण्डयो|
    हारकेयूरकं कङ्कणप्रोज्वलं किङ्किणीमञ्जुलं श्यामलं तं भजे ||८||

    अच्युतस्याष्टकं यः पठेदिष्टदं प्रेमतः प्रत्यहं पूरुषः सस्पृहम्|
    वृत्ततः सुन्दरं कर्तविश्वम्भर-स्तस्य वश्यो हरिर्जायते सत्वरम्||९||

    • Posted January 26, 2012 at 11:30 am | Permalink | Reply

      @Tripty Singh thank you very much.
      Jai Shree Krishna.

    • jitender
      Posted December 16, 2014 at 5:48 pm | Permalink | Reply

      great

    • jitender
      Posted December 16, 2014 at 6:54 pm | Permalink | Reply

      great work

  3. Prahlad
    Posted March 8, 2012 at 1:50 am | Permalink | Reply

    The original Achyutashtakam was created by shri Adi Sankaracharyaand its text is reproduced by Tripty Singh.The above one is a bhajan by vikram hazra .

  4. Gyanendra samadhiya
    Posted May 29, 2012 at 10:26 am | Permalink | Reply

    @tripti ji thanks apki vajah se yah strot aj mujhe shikhne ka mauka mila.
    Thank u.

  5. Posted August 11, 2012 at 4:55 pm | Permalink | Reply

    tumne bahut galatiyaa ki hai unhe sudharo

  6. Yudhishthir Raut
    Posted August 12, 2012 at 8:15 pm | Permalink | Reply

    nice work tripti

  7. Rishikesh Sigdel
    Posted April 6, 2013 at 3:55 am | Permalink | Reply

    I want achyutastakam full in Hindi lyrics

  8. Rishikesh Sigdel
    Posted April 6, 2013 at 4:12 am | Permalink | Reply

    Ramrakshyastotra in hindi

  9. Kishore
    Posted October 18, 2014 at 7:40 am | Permalink | Reply

    Please keep up the good work. there might be errors but it’s a good initiation 🙂

  10. Posted March 26, 2015 at 12:31 am | Permalink | Reply

    Very nice
    Jai shri krishna

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